रस्सियों से बंधी महिला की नग्न लाश, 14 साल पुराना केस, 100 से ज्यादा DNA टेस्ट... और फिर पकड़ा गया सीरियल किलर

नई दिल्ली: बात तकरीबन 2 साल पुरानी है। 12 जनवरी 2022 को चंडीगढ़ पुलिस कंट्रोल रूम में एक फोन आया। बताया गया कि मलोया इलाके में जंगलों के पास एक महिला की नग्न लाश मिली है। पुलिस की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं तो देखा कि लाश करीब 40 साल की एक महिला क

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नई दिल्ली: बात तकरीबन 2 साल पुरानी है। 12 जनवरी 2022 को चंडीगढ़ पुलिस कंट्रोल रूम में एक फोन आया। बताया गया कि मलोया इलाके में जंगलों के पास एक महिला की नग्न लाश मिली है। पुलिस की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं तो देखा कि लाश करीब 40 साल की एक महिला की है, जिसके हाथ-पैर रस्सियों से बंधे थे। समझते देर ना लगी कि महिला के साथ रेप कर उसका कत्ल किया गया है। लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया और मामले की जांच शुरू हुई। तफ्तीश में पता चला कि एक शाम पहले ही इस महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके पति ने दर्ज कराई गई थी।
रिपोर्ट दर्ज कराने वाले ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने अपनी पत्नी को रात 8 बजे पास के मार्केट में छोड़ा था। इसके बाद वो करीब 15 मिनट बाद वापस लौटा तो उसकी पत्नी वहां नहीं थी। काफी खोजने के बाद भी जब वो नहीं मिली, तो उसने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अगले दिन इसी महिला की लाश मलोया के जंगलों में मिली। क्राइम सीन से पुलिस को ऐसा कोई सुराग नहीं मिला, जिससे उस रेपिस्ट और कातिल तक पहुंचा जा सके। ना किसी मोबाइल नंबर की लोकेशन, ना कोई सीसीटीवी फुटेज और ना ही उंगलियों के निशान। कई दिनों तक पुलिस तफ्तीश करती रही, लेकिन सुराग के नाम पर कुछ नहीं मिला।

2010 के एक केस से मिला कातिल का सुराग

मामले को करीब एक साल बीत गया, लेकिन पुलिस के हाथ खाली थे। ऐसे में एक दिन चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने सभी अनसुलझे मामलों की फाइल मंगाई। इन फाइलों में एसएसपी कौर की नजर साल 2010 के उस मामले पर पड़ी, जिसमें 21 साल की एक एमबीए छात्रा के साथ रेप कर उसकी हत्या की गई थी। गहराई से देखा गया, तो दोनों मामलों में कुछ समानताएं मिलीं। दोनों में जुर्म करने का तरीका एक जैसा था। पहले रेप किया गया और बाद में बेरहमी के साथ कत्ल। दोनों ही मामलों में कातिल का प्रोफाइल भी एक जैसा बन रहा था। पुलिस ने दोनों मामलों की तफ्तीश एक साथ शुरू की और आखिरकार कातिल तक पहुंच गई। दोनों मामलों में कातिल एक ही था। इसके साथ ही 14 साल पुराना रेप और हत्या का वो मामला भी सुलझ गया, जिसकी फाइल पुलिस ने बंद कर दी थी। आखिर कैसे पुलिस इस सीरियल रेपिस्ट और किलर तक पहुंची, आइए आपको बताते हैं।

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मोनू के पास ना मोबाइल, ना आधार कार्ड

एमबीए छात्रा और 40 वर्षीय महिला के साथ दरिंदगी करने वाले इस सीरियल किलर का नाम मोनू कुमार है। मोनू टैक्सी चलाता है, नशे का आदी है और चंडीगढ़ की शाहपुर कॉलोनी, सेक्टर-38 का रहने वाला है।। उसके खिलाफ चंडीगढ़ में चोरी और गैर इरादतन कत्ल के छह मामले दर्ज हैं। उसे दोनों पीड़ितों के शवों से लिए गए सैंपल्स की डीएनए प्रोफाइलिंग के बाद गिरफ्तार किया गया है। पुलिस पूछताछ में उसने दोनों मामलों में अपना गुनाह भी कबूल लिया है। हालांकि, मोनू तक पहुंचना आसान नहीं था। ना वो मोबाइल इस्तेमाल करता है, ना उसके पास आधार कार्ड है और ना ही किसी बैंक में कोई खाता।

800 संदिग्ध लोगों से हुई पूछताछ

चंडीगढ़ पुलिस ने इन दोनों केस की तफ्तीश के लिए अलग-अलग टीमें बनाईं। दोनों ही मामलों से जुड़े करीब 800 संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई। इसके अलावा डीएनए टेस्ट के लिए पिछले एक साल के भीतर 100 से ज्यादा संदिग्धों के सैंपल लिए गए। इसके बाद दोनों मामलों में क्राइम सीन से लिए गए डीएनए सैंपल्स से इन संदिग्धों के सैंपल मैच किए गए। पुलिस के पास जितनी जानकारी थी, उसके आधार पर कातिल की प्रोफाइलिंग पर काम किया गया। प्रोफाइलिंग से अंदाजा लगाया गया कि कातिल की उम्र करीब 18 से 40 साल के बीच होगी। उसका कद 5.6 फीट से 5.10 फीट के बीच होगा। और फिर, इसके आधार पर डीएनए सैंपल इकट्टा किए गए।

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और फिर, ऐसे गिरफ्त में आया कातिल

मलोया और आस-पास के इलाकों में संदिग्धों से पूछताछ करने के लिए पुलिस की टीमें घर-घर गईं। टीमों ने इलाके में रहने वाले सभी क्रिमिनल बैकग्राउंड के लोगों से पूछताछ की। इसके बाद उन लोगों का वेरिफिकेशन किया, जो खुले इलाके में सो रहे थे और फिर उनके डीएनए सैंपल लिए गए। आखिरकार पुलिस की कोशिश रंग लाई। इन सैंपल्स में एक सैंपल ऐसा मिला, जो क्राइम सीन से लिए गए सैंपल्स से मैच करता था। हालांकि, अभी भी पुलिस के हाथों से कातिल दूर था। दरअसल, सैंपल देने के बाद मोनू 6 महीने के लिए चंडीगढ़ से बाहर चला गया था। पुलिस को आरोपी मिल चुका था और उसने अपनी टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए लगा दी। 6 महीने बाद मोनू जैसे ही चंडीगढ़ लौटा, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मलोया की महिला से बलात्कार और हत्या मामले में पूछताछ के दौरान, मोनू ने 2010 में एमबीए छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या की बात भी कबूल ली।

क्या था 2010 का एमबीए छात्रा का केस

जुलाई 2010 में पुलिस के पास 21 साल की एक एमबीए छात्रा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। एमबीए छात्रा 30 जुलाई को शाम करीब 6 बजे सेक्टर-15 में इंग्लिश स्पीकिंग क्लास में शामिल होने के लिए अपनी स्कूटी से निकली थी, लेकिन वापस घर नहीं लौटी। पुलिस तफ्तीश कर ही रही थी कि कुछ घंटों बाद इस छात्रा की अर्धनग्न लाश सेक्टर 38 वेस्ट में करण टैक्सी स्टैंड के पास मिली। छात्रा के साथ रेप के बाद उसका कत्ल किया गया था। पुलिस ने जांच की, लेकिन जब कई सालों तक कोई सुराग नहीं मिला तो 2020 में तफ्तीश बंद कर दी गई।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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